आयुष् एवं आयुष चिकित्सा शिविर ने खोल दी है लोगों की आंखें

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होमोपैथ एवं आयुर्वेद के और निकट आए लोग।

दूसरी दिन दो सौ से अधिक क्रिटिकल रोगियों का उपचार कर दी गई उन्हें राहत।

चंपावत।आयुष विभाग द्वारा संचालित 3 दिवसीय विशेष चिकित्सा शिविर ने लोगों की आंखें खोल दी है कि आयुर्वेद के भीतर आरोग्य का इतना खजाना छिपा हुआ है। दरअसल आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तत्काल स्वास्थ लाभ के चक्कर में एलोपैथिक चिकित्सा का सहारा लेने के बाद जब उनकी किडनी काम करना छोड़ देती है तब लोग आयुष की शरण में आते हैं। लोगो का कहना था की इस प्रकार के शिविर ब्लॉक स्तर पर भी संचालित किए जाए तो उन तमाम लोगों को लाभ मिलेगा जो किन्ही कारणों से जिला मुख्यालय नही आ पाए । लोगों को पहली बार नाडी तरंगड़ी का
डीजिटली परीक्षण देखा जिसमें शरीर के प्रत्येक अंगों की जांच जा रही है। तथा शरीर की प्रकृति की भी जानकारी मिल रही थी। अग्निकर्म चिकित्सा मिनटों में मस्सों का स्थाई रूप से सफाया कर लोगो को बड़ी राहत दी जा रही थी। लोगो को पहली बार पता चला कि आयुर्वेद के द्वारा भी नयूरोथेरेपी की जाती है।शिविर में उपचार कराने आए लोगों को इस बात का मलाल था कि यहाँ सभी रोगों का निदान किया जा रहा है वे अपने परिवार व अन्य गांव वालों को क्यों नहीं लाए होंगे। शिविर में प्राकृतिक हेल्थ एक्सपर्ट सोनिया आर्या के द्वारा बी पी (रक्तचाप) को कम कर या नियंत्रित करने के उपाय बताते हुए कहा कि रोज सुबह चार फली कच्चा लेसन गर्म पानी के साथ लेने तथा सुबह शाम ताली बजाने से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि इसी के साथ
गर्म हथेलियों से चेहरे की मालिश करते है तो इससे आंखो के आस पास की झुर्रियां भी समाप्त की जा सकती है।
शिविर में क्षा क्षारसूत्र,पंचकर्म,न्यूरोथेरेपी लीच (जोक) से की जा रही चिकित्सा, बाल रोग,महिला रोग शिविर मैं अधिक भीड़ देखी गई शिविर के योगा पंडाल में डाo सुमन कन्नौजिया के निदेशन में,सोनिया आर्या, कविता बोहरा,लीला जोशी, कमला द्वारा महिलाओं का तथा योगाचार्य विजय देओपा के द्वारा पुरुषो को योगिक क्रियाये के जरिए विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने की विधा बताई जा रही थी महिला रोग विशेषज्ञ डाo नमिता अग्रवाल डाo सोनल शर्मा ने भी महिलाओ का उपचार किया। डाo गिरेंद्र चौहान, डाo पी एस बसेड़ा, डाo मुंशी लाल ने मर्म चिकित्सा के द्वारा गठिया, कमर दर्द घुटनों के दर्द से परेसान रोगियो को त्वरित लाभ पहुचा कर उन्हें राहत दी। दूसरे दिन आयुर्वेद एवम होम्योपेथ पद्धति से ढाई सौ से अधिक रोगियो का उपचार किया गया जिसमें दो सौ से अधिक किरिटी कल
रोगी शामिल थे।
बॉक्स

शिविर के संयोजक जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारी डाo आनंद सिंह गुसाई ने बताया कि दुरस्त क्षेत्रों के अस्पतालों में पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता के साथ वहा टाइफाइड, मलेरिया, हेपेटाइटिस ,शुगर, पेशाब, डेंगू,मलेरिया रोगों की जांच के अलावा पीने के पानी की भी जांच की जा रही है। प्रत्येक आयुर्वेद के वेनलेश सेंटरों में इस शिविर की तरह सभी सुविधाए उपलब्ध हैं। उनका यह भी कहना था की इस शिविर से मिले लाभ से लोग एक दूसरे को आयलिए अच्छा संकेत है।


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