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14 दिनों बाद भी मोस्ट वांटेड का नहीं है कोई अता-पता
हल्द्वानी में 8 फरवरी 2024 का दिन कल दिन के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया है तो वही बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गए नगर निगम और प्रशासनिक कर्मचारी पुलिस और पत्रकारों पर किए गए पतराव जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और तो और बनभूलपुरा थाने को उपद्रवियों ने आग के भेंट चढ़ाया तो वही आग में कई गाड़ियां फूंक दी गई जिसमें प्राइवेट वाहन भी शामिल हैं घटना इतनी भयंकर थी किस शासन स्तर पर मुख्यमंत्री को सूट एंड साइड के ऑर्डर भी करने पड़े, साथ बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया वहीं इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को जहां इसके लिए प्रशासन ने दोषी ठहराया, तो वही दंगा भड़काने में उसका अहम रोल माना गया है उपद्रव के दौरान प्रशासन द्वारा दंगाइयों को चिन्हित किया गया तो वहीं अब तक 74 से अधिक दंगाइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और मोस्ट वांटेड अब्दुल मलिक सहित अन्य दंगाइयों की कुर्की के आदेश भी दे दिए हैं जिसमें अब्दुल मलिक सहित कई लोगों की कुर्की भी कर दिए हैं पेश बनभूलपुरा कांड पर एक खास रिपोर्ट –
वीओ – कुमाऊं के तराई क्षेत्र हल्द्वानी को प्रवेश द्वार भी कहा जाता है तो वही कुमाऊं की वादियों में नैनीताल, अल्मोड़ा ,बागेश्वर, चंपावत पिथौरागढ़ के लिए सैनली हल्द्वानी से ही आते जाते हैं वैसे तो हल्द्वानी को कौमी गुलदस्ते के रूप में जान जाता है वही 8 फरवरी को बनभूलपुरा क्षेत्र के थाने में उपद्रवियों के आगजनी करने से मामले ने हिंसा का रूप ले लिया तो वही पूरा मामला मलिक के बगीचे में प्रशासन की नजूल भूमि पर अवैध मदरसा और निर्माणाधीन नमाज स्थल के अतिक्रमण तोड़ने गए प्रशासन नगर निगम पुलिस प्रशासन और पत्रकारों पर उपद्रवियों द्वारा पत्थराव कर दिया गया जिसमें कई लोग घायल हुए और कई लोगों के वाहन फूंक दिए गए जिसमें घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पहले तो सुरक्षा को देखते हुए वहां उपद्रव का डटकर सामना किया वहीं घटना का हिंसात्मक रूप लेने पर हवाई फायरिंग भी करना पड़ा बाद में आगजनी और हिंसा के प्रबल रूप को देखते हुए दंगायु पर सूट एंड साइड का ऑर्डर मिलने पर गोलियां भी दागनी पड़ी जहां इस घटना के बाद जिला प्रशासन को अतिरिक्त पुलिस बल मांगनी पड़ी तो वहीं शासन स्तर पर आदेश मिलने पर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया वहीं घटना का मास्टरमाइंड कहीं जाने वाले अब्दुल मलिक जहां अभी भी फरार चल रहा है तो वह पुलिस के हत्थे नहीं आ रहा है जिसमें वही सीमावर्ती जिलों और तमाम जगहों पर पुलिस ने अब्दुल मलिक के पोस्टर चिपका दिए हैं
फायनल वी ओ – गौरतलब है कि घटना नजूल भूमि पर किए गए अतिक्रमण को उठाने के नगर निगम और पुलिस प्रशासन का पथराव को लेकर शुरू हुआ तो वही सुरक्षा के कारणों को नहीं देखते हुए प्रशासन द्वारा घटना की नजाकत को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसमें उपद्रवी और क्षेत्र के लोगों को तैयारी के लिए पहले ही अब्दुल मलिक द्वारा भड़काने का प्लान तैयार कर लिया गया था और अब्दुल मलिक के इशारे पर ही उपद्रवियों ने अमन शांति को बिगड़ने का काम किया जिसमें पुलिस प्रशासन नगर निगम पत्रकारों ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए दंगाइयों का डटकर सामना किया गया और किसी तरह से अपने को बचाने में पूरी कोशिश करते दिखे ऐसे में घटना के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए पुलिस अब कोई कसर छोड़ता नहीं दिख रही है जहां दिल्ली समेत तमाम राज्यों में अब्दुल मलिक और उसके साथियों के पोस्टर चिपका दिए गए हैं तो वही दंगल में प्रशासन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रयों की घरों की कुर्की भी की जा रही है।