Sashakat uttarakhand
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देहरादून। मौसम चक्र में हुए बदलाव और पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने के कारण उत्तराखंड में मौसम की करवट लेने का पूर्वानुमान मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने लगाया है बता दें नये साल में जनवरी का महीना सूखा निकलने से लोगों को राहत नहीं मिल पायी है। राहत की बात यह है कि फरवरी की शुरूआत में मौस विभाग की ओर से बारिश-बर्फबारी की संभावना व्यक्त की गयी है।
आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में बारिश और बर्फबारी होने से मैदान से लेकर पहाड़ तक काफी ठंड होती है। लेकिन इस बार इन दोनों महीनों में न तो खास बारिश हुई और ना ही ढंग से बर्फबारी। बावजूद इसके प्रदेश भर में शीतलहर चलने और घना कोहरा छाने से शीत दिवस जैसी स्थिति बनी। जनवरी में तो मैदान से लेकर पहाड़ तक सूखी ठंड ने लोगों को परेशान किया।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन के साथ पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर पड़ना है। यही वजह रही कि जनवरी में सूखी ठंड ने सताया। वैज्ञानिकों का कहना है, पश्चिमी विक्षोभ से ही तापमान कम होने के साथ नमी आती है। फरवरी में भी पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होने से तापमान में ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।जनवरी के अंत में एक बार मौसम बदल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 31 जनवरी से दो फरवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा फरवरी में एक-दो बार मौसम बदलने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने इन जिलों में कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है।