पेयजल आपूर्ति पर जल संस्थान के दोहरे मानक
कई अधिशासी अधिकारी आये और गये, किसी ने व्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण पर नहीं दिया ध्यान

उत्तराखंड में जहां प्री मानसून बारिश शुरू हो गई है तो वही इस साल गर्मी के कारण बढ़ते तापमान ने रिकॉर्ड रच दिया है बात पर पेयजल की दिक्कतों की तो इस बार प्राकृतिक स्रोतों, नदी, गधेरे सभी के सूख जाने से जहां राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में पानी की व्यवस्था के व्यवस्थित नहीं होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जिससे लोगों का गुस्सा सरकार और जलसंस्थान की मशीनरी पर दिखा ।
मामला रानीखेत चिलियानौला नगर पालिका परिषद का है जहां इस बार लोगों को पेयजल के लिए काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जो आने वाले पांच सालों में भी हल होते नहीं दिख रही है नगर पालिका क्षेत्र में लगातार आवासीय मकानों के बनने का सिलसिला जारी है तो वही नगर पालिका की आबादी भी बढ़ते जा रही है जल संस्थान की माने तो प्रतिदिन सप्लाई देने में वे लोग असमर्थ हैं और कई सालों से एक दिन छोड़कर अगले दिन लोगों को पानी की आपूर्ति की जाती है और कई बार तो गर्मियों में सूखा पड़ने से लोगों को पेयजल आपूर्ति ही नहीं कर पाते हैं ।
जहां प्रत्येक वर्ष स्थानीय प्रशासन लगातार जल आपूर्ति के लिए जल संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं तो वही पेयजल समस्या से वे लोग भी हाथ खड़े करते नजर आते हैं, जिस कारण जनता पेयजल के लिए त्राहिमाम करती रहती है ।जनता की माने तो जल संस्थान के पास पर्याप्त पेयजल होने पर भी जल आपूर्ति का प्रबंधन ठीक नहीं है।