विपक्ष के राममंदिर ना जाने पर  सवाल तो बिहार में नीतीश की क्रेडिबिलिटी पर हमला 

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रिपोर्ट सचिन जोशी,हल्द्वानी

हल्द्वानी पहुँचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अयोध्या में बीते 22 जनवरी को श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर विपक्षी दलों के अयोध्या न जाने को लेकर सवाल खड़े किए, उन्होंने कहा कि श्री राम किसी एक पार्टी के नही है इसलिए कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के नेता को अयोध्या मंदिर जाना चाहिए आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रेसवार्ता के दौरान राममंदिर को देश के लिए एक अनुष्ठान का विषय , मुहूर्त , ज्योतिष , शास्त्र का विषय बताते हुए राम से मुहूर्त है मुहूर्त से राम को सारे दुनिया में पूज्यनीय बताया । कांग्रेस  के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उन्होंने कहा कि हमें राम के नाम के अमृत की कुछ बूंदें मिल जाए तो अयोध्या में राम के नाम की गंगा बह रही थी डुबकी लगानी चाहिए थी जो नहीं गए उन्हें अयोध्या जाना चाहिए कांग्रेस पार्टी राम विरोधी नहीं हो सकती है  कांग्रेस महात्मा गांधी की पार्टी है वह महात्मा गांधी जिनकी सभा की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम से हुई  कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसे नेता हैं जो महात्मा गांधी के रास्ते से हटकर के कांग्रेस को वामपंथी के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं कांग्रेस नेतृत्व को इन लोगों से बचना चाहिए। मैं स्पष्ट कर रहा हूं की राम और राष्ट्र राजनीति से बड़े राजनीति छोटी है सियासत और सत्ता से बहुत ऊपर है राम सियासत और सत्ता से बहुत ऊपर है राष्ट्र इस समय पूरे विश्व में भारत का जो स्थान है भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहा है तो भारत को अखंड भारत बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को अपने छोटे-मोटे मतभेदों को भूल करके जहां राष्ट्र की बातों में एक साथ खड़ा होना चाहिए जहां राम की बात हुआ एक साथ खड़ा होना चाहिए सवाल किसी एक नेता का नहीं है सवाल किसी पार्टी का नहीं है सवाल किसी एक विचार का नहीं है सवाल है कि भारत को कैसे विश्व गुरु बनाया जाए तो अगर भारत की बात आती है राष्ट्र की बात आती है राम की बात आती है सनातन की बात आती है तो वहां राजनीति छोटी हो जाती है मैं यह कहना चाहता हूं

बिहार की राजनीति पर उन्होंने  नीतीश कुमार हमला बोलते हुए उनकी क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है वह कब क्या करेंगे कितनी बार वह नरेंद्र मोदी  के साथ रहे हैं कितनी बार वह नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ भी रहे उनकी सियासत की जो शुरुआत हुई और जो उनका कद बड़ा लालू  के विरोध से बढ़ा , शुरूआत में वह कहते थे लालू यादव की पार्टी डकैतों की पार्टी है अपराधियों की पार्टी है फिर लालू  के साथ हो गए फिर लालू  से अलग हो गए और मुझे लगता है कि फिर वह अपना स्वरूप में आने वाले हैं तो मैं ऐसा मानता हूं कि नीतीश कुमार जी की जो क्रेडिबिलिटी है उसे देश में बची नहीं है और कांग्रेस पार्टी को नीतीश कुमार से अपना पल्ला झाड़ लेना चाहिए

दुसरी बात कांग्रेस पार्टी को यह फैसला करना चाहिए कि वह ममता बनर्जी को अपने साथ रखना चाहते हैं या लेफ्ट पार्टी को क्योंकि जहां लेफ्ट होगा वह ममता नहीं रहेंगी जहां ममता होगी और वामपंथी नहीं रहेंगे वामपंथियों का और ममता  का बहुत पुराना झगड़ा है और वह ऐसा झगड़ा जिसे निपटाया नहीं जा सकता है अब गलती करते हैं टीएमसी वाले सजा होती है  कांग्रेस को थोड़ा वामपंथी प्रेम से बाहर आना पड़ेगा और मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी को ममता के साथ खड़ा होना चाहिए।
इसके अलावा  2024 का चुनाव कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत से लड़ने जा रही है हमारी पहली कोशिश है कि हम क्षेत्रीय दलों से समझौता करके भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे लेकिन क्षेत्रीय दलों को ऐसा लगने लगा है जैसे बीजेपी को हटाना नरेंद्र मोदी को हटाना  कांग्रेस की ही मजबूरी बन गई है । तो मैं सभी क्षेत्रीय दलों से यह आग्रह करना चाहता हूं कि अगर पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण कश्मीर से कन्याकुमारी तक अगर बीजेपी को कोई रोक सकता है तो वह कांग्रेस पार्टी रोक सकती है क्योंकि कोई पार्टी उत्तर प्रदेश में है बिहार में नहीं है कोई पार्टी बिहार में है वह उत्तर प्रदेश में नहीं है कोई पार्टी बंगाल में है वह राजस्थान में नहीं है कोई पार्टी पंजाब में है वह हिमाचल प्रदेश में नहीं है कोई पार्टी तमिलनाडु में है वह केरल में नहीं है कोई पार्टी केरल में है वह महाराष्ट्र में नहीं है कांग्रेस एक  ऐसी पार्टी है राष्ट्रीय दल होने के नाते और कांग्रेस आज भी देश के कोने-कोने में बीजेपी के सामने एक सशक्त पार्टी के रूप में है लेकिन मैं कांग्रेस के नेताओं से यह अपील करना चाहूंगा कि वह जनता के दिलों में उतरे वह अपने साथ जनता को खड़ा करें नेताओं के खड़ा होने से जनता साथ नहीं आती है ।


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