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12 गांवों में लड़की देनें को तैयार नहीं बेटियों के माता-पिता
जिला चंपावत में चार किलोमीटर का फेर जिले के 180 युवाओं के लिए अभिशाप साबित हुआ है बता दें कि आजादी के बाद भी जिलामुख्यालय से लगे इन 12 गांवों में रोड़ नहीं पहुंचने से इन गांवों के 180 युवा लडकों को कुंवारों की जिंदगी गुजारनी पड़ रही हैं जहां सड़क के अभाव के चलते बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों इन गांवों में नहीं देना चाहते हैं जिससे गांवों के ये युवा अधिक समय से कुंवारों की जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं ।
आंकड़ों पर नजर डालें तो बारह गांवों जिसमें घिंघारुकोट14,सांगो12,डुंगराकोट25, कनीकोट10 ,औमोली20,कोटना15,
कजनापुनौली20,बांस बंसवाड़ी14,बसान12,गोलनासेरी15 ,इजट्टा14,जखोला20 में 35 से40 साल के युवा महज 4.5 किलोमीटर के फेर में शादी नहीं कर पा रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी के बाद भीसांगो ग्राम पंचायत के धिधारुकोट तोक से बांस बसवाडी तक सड़क के विस्तारीकरण का कार्य वर्ष 2021 से लंबित पड़े हैं करीब 4.5 किलोमीटर के सड़क का सर्वे भी हो चुका है बावजूद सड़क नहीं बन पायी है और तो और जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन से भी उनकी कई बार की गुहार भी असरदायी नहीं हुई है।