किच्छा – नगर पालिका का हिस्सा रही मुस्लिम बाहुल्य सिरौली कला का अब उत्तराखंड के कैबिनेट के फैसले के बाद अलग नगर पालिका परिषद बन गई है। इसके लिये वाकायदा आज शहरी विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमे सात दिन के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे गये है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस नई सिरौली कला परिषद में किच्छा से सिरौली के वार्डो के साथ अन्य क्षेत्र को भी जोड़ा जाएगा अथवा पुराने वार्डो को ही बड़ा कर वार्डो का विस्तार दिया जायेगा। फिलहाल अधिसूचना जारी होने से राजनीतिक दलों के साथ ही चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों की सरगर्मी तेज़ हो गई है।
सिरौली के साथ ही किच्छा नगर पालिका परिषद का राजनीतिक समीकरण भी काफी बदल गया है, ऐसे में यहां से चुनाव लड़ने के लिये भी राजनीतिक दल वोटरों का आकलन करने में लगे हुए है। जहाँ किच्छा सीट पर भाजपा अपने प्रत्याशी को जिताने के लिये रणनीति बना रही है, वही कांग्रेस भी यहां से दमदार प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। कई प्रत्याशियों के तो सिरौली कला के अलग होते ही मैदान छोड़ने की चर्चा भी सामने आ रही है।
जो भी हो सिरौली कला के ग्राम सभा से किच्छा नगर पालिका में शामिल होने, फिर नगर पंचायत घोषित होने, फिर सिरौली कला को किच्छा नगर पालिका से अलग करने के बाद नई नगर पालिका बनने से यह नई नगर पालिका राज्य भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। ऐसे में इन सीटों को जीतने के लिये सत्ताधारी भाजपा जहाँ पूरा दमख़म लगायेगी, वही प्रमुख विपक्षी कांग्रेस भी ज़ोरदार तरीके से अपने प्रत्याशी को जिताने की कोशिश करेगी। अब देखना है कब आचार संहिता लगती है और कब चुनाव की तिथि घोषित होती है ? यहां का चुनाव दिलचस्प होगा।