उत्तर भारत के प्रमुख पूर्णागिरि धाम में वर्ष भर मेला संचालित करने की शुरू हुई प्रशासनिक पहल।

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पूर्णागिरि धाम को केंद्रीय बिंदु बनाकर जिले के अनीश तालुका किया जाएगा समग्र विकास।

पूर्णागिरि धाम के विकास पर गहन चिंतन करते अधिकारी एवंअन्य।



चंपावत।उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां श्री पूर्णागिरि मेला जो वर्ष में 3 महीने तक आयोजित होता है, मेले को वर्ष भर संचालित करने और इस क्षेत्र में धार्मिक, पर्यटन के साथ-साथ साहसिक, इको एवं आध्यात्मिक पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने हेतु चंपावत के टनकपुर क्षेत्र में शारदा कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जाने एवं एक वृहद कार्य योजना बनाए जाने हेतु परामर्शदाई संस्था (कंसलटेंसी) मेकेंजी को दायित्व सौपा गया है। शासन के निर्देशानुसार शुक्रवार को शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में पूर्व तैयारी एवं आवश्यक सुझाव आदि के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक टनकपुर तहसील सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में वर्चुअल के माध्यम से जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा भी प्रतिभाग कर शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में आवश्यक सुझाव देते हुए विभिन्न निर्देश अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद चंपावत पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है यहां धार्मिक,साहसिक पर्यटन के साथ-साथ यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण आध्यात्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जहां एक और यहां मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ है, वही महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी के आश्रम,सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का तीर्थ स्थल रीठा साहिब,गुरुगोरखनाथ धर्मस्थल है, जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली होने के साथ ही चंपावत का ऐतिहासिक महत्व भी है। जिलाधिकारी ने कहा कि आज पूर्णागिरि मेले में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं इस मेले को वर्ष भर संचालित करने के लिए दर्शनार्थियों हेतु विभिन्न सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु कार्य किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि कॉरिडोर के अंतर्गत पूर्णागिरि सर्किट के निर्माण के साथ ही शारदा घाटों का निर्माण, सौंदर्यीकरण, विभिन्न अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाए। पूर्णागिरि से श्यामलाताल, मूल सिद्ध बाबा, रंकुची मंदिर, गुरु गोरखनाथ आदि स्थानों को जोड़ते हुए एक सर्किट बनाकर इस मेले को बारहमासी किया जाना है। इस हेतु एक विस्तृत प्लान शारदा कॉरिडोर परियोजना में जोड़ा जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां वर्ष भर देश-विदेश से अधिक से अधिक पर्यटक आए जो मां पूर्णागिरि के दर्शन के साथ ही जिले के अन्य पर्यटन व धार्मिक स्थान तक पहुंचे, इस हेतु हमें मूलभूत सुविधाएं विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु जो भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहे है, उसमें यह सभी सुविधाएं आदि शामिल की जाए।
बैठक में मैकेंजी संस्था से आए प्रतिनिधि अगम सचदेवा ने कहा कि शारदा के साथ-साथ संपूर्ण चंपावत को फोकस करना है,इस परियोजना में उसी के अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यहां के धार्मिक, पौराणिक महत्व को दर्शाया जाएगा तथा उनका वर्णन किया जाएगा। परियोजना अंतर्गत शारदा घाट के सौंदर्यीकरण के साथ ही क्षेत्र में विभिन्न पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएगी, पार्किंग स्थल निर्माण, पाथ वे, सड़क निर्माण, ड्रेनेज व्यवस्था, पार्कों का निर्माण, मनोरंजन के साथ मानसिक शक्ति हेतु पर्यटन स्थलों का विकास, परिवहन व्यवस्था, स्वच्छता हेतु शौचालय का निर्माण, रेनबसेरों, धर्मशाला का निर्माण, साहसिक एवं खेल गतिविधियों हेतु विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, एआरटीओ सहित विभिन्न विभागों सिंचाई, लोनिवि, पर्यटन, एनएचपीसी, पेयजल, नगर विकास, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों द्वारा शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में अपने-अपने सुझाव मैकेंजी से आए प्रतिनिधियों के सम्मुख रखे। इस दौरान उपजिलाधिकारी तथा मैकेंजी से आए हुए प्रतिनिधियों द्वारा बनबसा से लेकर ठूलीगाड़, भैरव मंदिर के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु किए जाने वाले कार्यों की जानकारी ली।
बैठक में अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी पूर्णागिरी टनकपुर आकाश जोशी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत भगवत पाटनी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, एआरटीओ सुरेंद्र कुमार, जिला पर्यतन अधिकारी अरविंद गौड़,अधिशासी अभियंता लोनिवि मोहन चन्द्र पलड़िया,मैकेंजी से अंबुज डूबे,समन जैनआदि मौजूद रहे।



चंपावत।उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां श्री पूर्णागिरि मेला जो वर्ष में 3 महीने तक आयोजित होता है, मेले को वर्ष भर संचालित करने और इस क्षेत्र में धार्मिक, पर्यटन के साथ-साथ साहसिक, इको एवं आध्यात्मिक पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने हेतु चंपावत के टनकपुर क्षेत्र में शारदा कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण हेतु मास्टर प्लान तैयार किए जाने एवं एक वृहद कार्य योजना बनाए जाने हेतु परामर्शदाई संस्था (कंसलटेंसी) मेकेंजी को दायित्व सौपा गया है। शासन के निर्देशानुसार शुक्रवार को शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में पूर्व तैयारी एवं आवश्यक सुझाव आदि के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक टनकपुर तहसील सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में वर्चुअल के माध्यम से जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा भी प्रतिभाग कर शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में आवश्यक सुझाव देते हुए विभिन्न निर्देश अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद चंपावत पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है यहां धार्मिक,साहसिक पर्यटन के साथ-साथ यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण आध्यात्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। जहां एक और यहां मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ है, वही महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी के आश्रम,सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का तीर्थ स्थल रीठा साहिब,गुरुगोरखनाथ धर्मस्थल है, जिम कॉर्बेट की कर्म स्थली होने के साथ ही चंपावत का ऐतिहासिक महत्व भी है। जिलाधिकारी ने कहा कि आज पूर्णागिरि मेले में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं इस मेले को वर्ष भर संचालित करने के लिए दर्शनार्थियों हेतु विभिन्न सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु कार्य किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि कॉरिडोर के अंतर्गत पूर्णागिरि सर्किट के निर्माण के साथ ही शारदा घाटों का निर्माण, सौंदर्यीकरण, विभिन्न अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाए। पूर्णागिरि से श्यामलाताल, मूल सिद्ध बाबा, रंकुची मंदिर, गुरु गोरखनाथ आदि स्थानों को जोड़ते हुए एक सर्किट बनाकर इस मेले को बारहमासी किया जाना है। इस हेतु एक विस्तृत प्लान शारदा कॉरिडोर परियोजना में जोड़ा जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां वर्ष भर देश-विदेश से अधिक से अधिक पर्यटक आए जो मां पूर्णागिरि के दर्शन के साथ ही जिले के अन्य पर्यटन व धार्मिक स्थान तक पहुंचे, इस हेतु हमें मूलभूत सुविधाएं विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु जो भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहे है, उसमें यह सभी सुविधाएं आदि शामिल की जाए।
बैठक में मैकेंजी संस्था से आए प्रतिनिधि अगम सचदेवा ने कहा कि शारदा के साथ-साथ संपूर्ण चंपावत को फोकस करना है,इस परियोजना में उसी के अनुसार प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यहां के धार्मिक, पौराणिक महत्व को दर्शाया जाएगा तथा उनका वर्णन किया जाएगा। परियोजना अंतर्गत शारदा घाट के सौंदर्यीकरण के साथ ही क्षेत्र में विभिन्न पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएगी, पार्किंग स्थल निर्माण, पाथ वे, सड़क निर्माण, ड्रेनेज व्यवस्था, पार्कों का निर्माण, मनोरंजन के साथ मानसिक शक्ति हेतु पर्यटन स्थलों का विकास, परिवहन व्यवस्था, स्वच्छता हेतु शौचालय का निर्माण, रेनबसेरों, धर्मशाला का निर्माण, साहसिक एवं खेल गतिविधियों हेतु विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, एआरटीओ सहित विभिन्न विभागों सिंचाई, लोनिवि, पर्यटन, एनएचपीसी, पेयजल, नगर विकास, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों द्वारा शारदा कॉरिडोर के निर्माण के संबंध में अपने-अपने सुझाव मैकेंजी से आए प्रतिनिधियों के सम्मुख रखे। इस दौरान उपजिलाधिकारी तथा मैकेंजी से आए हुए प्रतिनिधियों द्वारा बनबसा से लेकर ठूलीगाड़, भैरव मंदिर के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर शारदा कॉरिडोर के निर्माण हेतु किए जाने वाले कार्यों की जानकारी ली।
बैठक में अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी पूर्णागिरी टनकपुर आकाश जोशी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत भगवत पाटनी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, एआरटीओ सुरेंद्र कुमार, जिला पर्यतन अधिकारी अरविंद गौड़,अधिशासी अभियंता लोनिवि मोहन चन्द्र पलड़िया,मैकेंजी से अंबुज डूबे,समन जैनआदि मौजूद रहे।


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