सशक्त उत्तराखंड। यह मानसून सीजन उत्तराखंड समेत हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में आपदा के रूप में आफत बनकर टूट रहा है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली आपदा के बाद थराली में बादल फटने से मची तबाही के बाद अब 03 जिलों (रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी) में बादल फटने/अतिवृष्टि से भारी जान-माल के नुकसान की सूचना है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग के बसुकेदार और जखोली तहसील में बादल फटने से आए मलबे में छेनागाड़, तालजामण, स्यूर में घर और वाहन दब गए। यहां एक महिला की मौत, जबकि 08 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, चमोली के देवाल मोपाटा गांव में बादल फटने से एक घर उसकी जद में आ गया, जिसमें एक दंपती के दबने की जानकारी मिल रही है। टिहरी में भी अतिवृष्टि से भिलंगना क्षेत्र में भारी नुकसान की बात सामने आ रही है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के पास पापड़ गाड़ में भागीरथी नदी में झील बन जाने से नई चुनौती खड़ी हो गई है।
दूसरी तरफ कुमाऊं मंडल के बागेश्वर के पोसारी गांव में भूस्खलन से एक भवन के ध्वस्त हो जाने के कारण 05 व्यक्तियों की मौत की सूचना है। निरंतर जारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें भी बाधित हैं। पौड़ी में अलकनंदा का पानी बदरीनाथ राजमार्ग तक पहुंच रहा है और उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग बाधित चल रहा है। हल्द्वानी में भीमताल को जोड़ने वाला मार्ग रानीबाग के पास बाधित हो गया है। इसके आलावा ऐसी सूचना भी आ रही है कि खटीमा में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक महिला की मौत हो गई है।
धराली आपदा के बाद हर्षिल में तिलगाड़ क्षेत्र में भागीरथी नदी की धारा अवरुद्ध होने से झील बन जाने के बाद अब उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री राजमार्ग पर भटवाड़ी से पहले पापड़ गाड़ में भी भागीरथी नदी पर करीब 100 मीटर लंबी झील बन गई है। भूस्खलन में आगे मलबे और बोल्डर ने नदी को अवरुद्ध कर दिया है। वहीं, यमुनोत्री के पास स्यान चट्टी में भी इसी तरह झील बनने से विकट हालात पैदा हो रखे हैं।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सभी जिलाधिकारियों से संपर्क कर हालात की समीक्षा कर दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को भी हाई अलर्ट पर रखा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद दी जा रही है।

